शनिवार, ५ ऑक्टोबर, २०१९

मायूसी

कभी खुद "मायूसी" मे हो, तो सारा माहौल भी दु:खी लगता हैं...
८०/०५१०२०१९

शुक्रवार, ४ ऑक्टोबर, २०१९

ज़िन्दगी


३८/०४१०२०१९

धोखा


३७/०४१०२०१९

खेल


३६/०४१०२०१९

अनुत्तरीत


०४१०२०१९


बुधवार, २ ऑक्टोबर, २०१९

भूलाकर


७८/०२१०२०१९

रूसवा

लौट भी आओ अब कभी
अरसा बिता तुम्हें देखें हुए
बात भी न कुछ हुई तुमसे
सारा वक्त गया रूसवा हुए

७७/२९०९२०१९