प्रित कि लत लगे ना मुझको खुब किया मैंने प्रयास
सोचा जो वह कभी ना हुआ आया जीवनमें वो खास...धृ
बात फिर ऐसी बदली
जवानी की छायीं बदली
विचारों ने करवट ली
समेट गए आपस में, आयें इतने पास
प्रित कि लत लगे ना मुझको...१
अब आलम कुछ ऐसा
वह ना रहें उनके, और
मै ना रहा अपना
सोते जगते एक सपना, अजीब सा एहसास
प्रित कि लत लगे ना मुझको...२
अलग राग उसका था
साथ देने सूर मेरा था
फिर हुआ, जो होना था
गीत अनोखा जन्मा लेकर दोनों कि सांस
प्रित कि लत लगे ना मुझको...३
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©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
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