सोमवार, ८ जून, २०२०

पाठलाग


६९६|०८०६२०२०

बात


२३७|०७०६२०२०

चाहत


इसीलिए दिल को तुम्हें सौंप दिया था
चाहतों का तुम्हारे हमें पता चला था!
~१०७|०७०६२०२०

तुम भी


१०६|०७०६२०२०