शुक्रवार, २७ डिसेंबर, २०१९

पतझड़



न रोके कोई होती इस पतझड़ को
यहां पर मौजूद हरकोई है जाने को

तय करता है सफ़र झोंका हवा का  
मजबूर हर एक यहां पर चलने को

रहती है रास्तों पर कुछ निशानियां 
समय बाद देर सवेर मिट जाने को

कोशिशें भी सारी रंग लाती है तभी
हौसला रखती है दौड़ में टिकने को

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