बुधवार, १७ फेब्रुवारी, २०२१

सुनो तो सही

 सुनो तो सही


कैसी ये आग इश्क जिसमें जलना चाहूँ

तुम हो शमा संग तुम्हारे मै जलना चाहूँ


प्यार जीवन की बगिया रंगबिरंगी मानो 

फूलोंसा खिलकर हमेशा महकना चाहूँ


कहें जमाना बडी कठिन है राह प्यारकी

चाहें जो हो उसपर दिल से चलना चाहूँ


होती रहीं है मुलाकातें दिलकश अपनी

लो उनपर गज़ल, कविता लिखना चाहूँ


सुनो तो सही तुमसे मै कुछ कहना चाहूँ

बात छुपाई दिलमें खुलकर बताना चाहूँ

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©शिवाजी सांगळे 🦋papillon

 संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९

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