रविवार, १२ एप्रिल, २०२०

नहीं से


२०५|१२०४२०२०

धीरे धीरे

धीरे धीरे

शामबेला सजेगी अब धीरे धीरे
पतझड़ भी होगी अब धीरे धीरे

वक्त, समय, और बदलेगा प्रहर
परवान चढेगी रात अब धीरे धीरे

निशब्द होनेपर पेड फुल लतायें
रात पवन लहरेगा अब धीरे धीरे

पदन्यास तारों का होते गगन में
होंगे प्रकट चंद्रमा अब धीरे धीरे

पीकर निशामृत तृप्त होगी रजनी
ओसगंध भोर होगी अब धीरे धीरे

©शिवाजी सांगळे 🦋
 संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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बळ


१२०४२०२०

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