मंगळवार, ४ एप्रिल, २०१७

बार


बार

कोल्ड ड्रिंक, ड्राय चणा
या कुछ और मंगवाकर
हमेशा की तरहा
बैठना चाहिए,
कभी तो ऐसे ही
बार में जाना चाहिए !

कान, आँखे खुली रखकर
मदं अंधेरे शोरगुल में
अपनी आवाज
सुननी चाहिए,
कभी पराया होकर
बार में जाना चाहिए !

क्या पातें है, क्या खोते है
कईयों कें बिखरे गमोंको,
समेटती खुशीयों को
अपना मानकर
सोचना चाहिए,
बिना पियें... कभी
बार में जाना चाहिए !

ज्ञान, सौदे का बाजार,
महज एैय्याशी का
मकाम होता है यहां,
उँचों से निची, और
साधारणों कि उँची
सुननी चाहिए,
उतारकर चोला अपना
बार में जाना चाहिए !

दुध नहीं मिलता
न दुध का धुला हुआ
वहां मिलता है
केवल पिया हुआ,
फिर भी नशा दोनोंको
पी कर एक को,
एक को सुनकर
इस नशे में डुबना चाहिए,
झाँक ने अपने अंदर
बार में जाना चाहिए !

© शिवाजी सांगळे 🎭
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