आज की मधुशाला
कहती है सरकार तरसती
कैसे हो वृध्दी टँक्स में भला,
वृध्दी कराती थी राजस्व: मे
बंद हो गयी है मधुशाला..!
रोजगार में जो हात बटाती
कईं ख्वाब बाटती थी हाला,
झुलातीे थी नशे में सबको
बंद हो गयी है मधुशाला..!
चलो एक तो अच्छा हुआ
दुर्घटना मुक्त हो सफर मेला,
सुख बढेगा घरवालों का
बंद हो गयी है मधुशाला..!
© शिवाजी सांगळे 🎭
http://marathikavita.co.in/hindi-kavita/t28384/new/#new
कहती है सरकार तरसती
कैसे हो वृध्दी टँक्स में भला,
वृध्दी कराती थी राजस्व: मे
बंद हो गयी है मधुशाला..!
रोजगार में जो हात बटाती
कईं ख्वाब बाटती थी हाला,
झुलातीे थी नशे में सबको
बंद हो गयी है मधुशाला..!
चलो एक तो अच्छा हुआ
दुर्घटना मुक्त हो सफर मेला,
सुख बढेगा घरवालों का
बंद हो गयी है मधुशाला..!
© शिवाजी सांगळे 🎭
http://marathikavita.co.in/hindi-kavita/t28384/new/#new
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा