जाण
वारीस जाण्याची | परंपरा थोर |
सर्वा जीवा घोर | लागलासे ||
उभा विटेवरी | लावूनीया डोळा |
भक्तांसाठी भोळा | पांडुरंग ||
प्रतिक्षेत तुम्ही | ठावे आम्हा देवा |
कसा घेवू धावा | उमजेना ||
घडले आक्रीत | दोघेही व्याकूळ |
मनी हळ हळ | भेटायासी ||
कैसे हे संकट | देवा तुची जाणे |
कोण कुठे उणे | पडला का ||
भेट व्हावी कशी | हरीची भक्तांशी |
गाठ कोरोनाशी | आहे देवा ||
सर्वज्ञानी एक | त्रिभुवन ज्ञाता |
जाण द्यावी भक्तां | म्हणे शिवा ||
https://marathikavita.co.in/marathi-bhakti-kavita/t32614/new/#new
©शिवाजी सांगळे 🦋
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
वारीस जाण्याची | परंपरा थोर |
सर्वा जीवा घोर | लागलासे ||
उभा विटेवरी | लावूनीया डोळा |
भक्तांसाठी भोळा | पांडुरंग ||
प्रतिक्षेत तुम्ही | ठावे आम्हा देवा |
कसा घेवू धावा | उमजेना ||
घडले आक्रीत | दोघेही व्याकूळ |
मनी हळ हळ | भेटायासी ||
कैसे हे संकट | देवा तुची जाणे |
कोण कुठे उणे | पडला का ||
भेट व्हावी कशी | हरीची भक्तांशी |
गाठ कोरोनाशी | आहे देवा ||
सर्वज्ञानी एक | त्रिभुवन ज्ञाता |
जाण द्यावी भक्तां | म्हणे शिवा ||
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