सुन्या वाटा
ओढ पंढरीची | आस देवाजीची |
सकल भक्तानां | आराध्याची ||
सुन्या यंदा वाटा | हरवल्या आशा |
झाकोळल्या दिशा | भोवताली ||
मृदंग तो गप्प | झाला टाळ मुका |
केशरी पताका | स्तब्ध झाली ||
काळजी भक्तांची | प्रत्यक्ष विठूला |
त्या चंद्रभागेला | लागली बा ||
हिरावला गेला | सुखाचा हा ठेवा |
जाणतो तु देवा | आत्म भाव ||
चुकावी का वारी | प्रश्न भक्ता मनी |
पांडुरंग ज्ञानी | शिवा म्हणे ||
©शिवाजी सांगळे 🦋
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
https://marathikavita.co.in/marathi-bhakti-kavita/t32641/new/#new
ओढ पंढरीची | आस देवाजीची |
सकल भक्तानां | आराध्याची ||
सुन्या यंदा वाटा | हरवल्या आशा |
झाकोळल्या दिशा | भोवताली ||
मृदंग तो गप्प | झाला टाळ मुका |
केशरी पताका | स्तब्ध झाली ||
काळजी भक्तांची | प्रत्यक्ष विठूला |
त्या चंद्रभागेला | लागली बा ||
हिरावला गेला | सुखाचा हा ठेवा |
जाणतो तु देवा | आत्म भाव ||
चुकावी का वारी | प्रश्न भक्ता मनी |
पांडुरंग ज्ञानी | शिवा म्हणे ||
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