सिग्नल 🚸
एक प्रश्नचिन्ह लाल सिग्नल का
जबरन ठहरना पडता है
ज़िन्दगी के सवाल पर...
जगती है तभी यकायक
आशा की गेरुई किरण, और
हम, तैयार होते हैं
सवरते है स्वयं को...
फिर शुरू होती है हरी दौड,
रफ्तार में...अगले सिग्नल तक
अक्सर होतें है, एक पडाव
गंतव्य तक कि यात्रा मे...
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©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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