मंगळवार, २५ मार्च, २०२५

इस बार २४०३२०२५ yq १५:०२:३०



इस बार

इस बार इतना भी काफी है
रंग मेरा पिला हुआ तो क्या
जीनेका जज़्बा बाकी है

कैसी भी फैली हो दिवार चाहे
अभी भी पत्थरों की दरारों मे
संजीवक जीवन जो है

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९ 

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