शनिवार, २९ मार्च, २०२५

बिमारी २९०३२०२५ yq १५:०९:११


बिमारी
 

देश बदल रहा है, सोच बदल रही है
सरेआम, शर्म हया निलाम हो रही है

खजुराहो कि, परंपरा थी कभी यहाँ
स्टेजपर अब, कामशास्त्र बता रही है

सच झूठ क्या, कुछ पता नहीं चलता
छुपी छुपायी इज्ज़त बेची जा रही है

खुले विचारों का ऐसे पहनकर चोला
बेटीयाँ खुदकी औकात दिखा रही है

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९ 

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