रविवार, १५ सप्टेंबर, २०२४

यात्रा १२०९२०२४ ya १२:३२:०२


























यात्रा

काश, रास्ता पता होता
तुम तक पहुंचने का
युहीं नहीं, लेकर बैठते
अंबार ये झुर्रियों का 

वक्त सारा बितता रहा 
दूरियां अचल ठहरी
अधूरीसी यात्रा तुम्हारी 
मेरी झुर्रियों से भरी

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९


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