ऐसा लगता हैं
दुनिया से कट गए हैं,अब ऐसा लगता हैं
किससे हुयी गलती,मन सोच में रहता हैं
कमजोर नहीं है रिश्ते शाखों से जानते हैं
शायद,इरादा पतझड का गलत लगता हैं
इतनी आसानी से यूं न हम टूटते जड़ों से
जानेसे हमारे किसी को सुकून मिलता हैं
बेवजह, हरकत कोई तो बडी की होगी?
हर एक झोंका, हवा का पेड से कहता हैं
चलो अच्छा हुआ,वक्त पर समझ आया
एक अच्छा काम,किसीको तो खलता हैं
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©शिवाजी सांगळे 🦋 papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९

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